नमस्ते जी
आर्य समाज की स्थापना ( १८७५ – २०२५ ) का १५० वां वर्ष चलरहा है। इस पुण्य अवसर पर पूरे विश्वभर में वेद प्रचार कार्यक्रम चल रहे हैं। महर्षि दयानन्द सरस्वती जी महाराज का जीवन दर्शन, वेद का सन्देश और आर्य समाज के कार्यों की जानकारी जन – जन तक पहुंचाने के लिए सरल और व्यावहारिक योजनायें बनायी गयी हैं। इन योजनाओं में आप भी सहयोगी बनकर ऋषि मिशन – आर्य समाज के उद्देश्य – कृण्वन्तो विश्वमार्यम् को गति दे सकते हैं।
सबसे पहले हम स्वयं का निरीक्षण करें – अपने विचारों से सकारात्मक वातावरण बनायें – हताशा, निराशा और कमजोरी के भावों को अपने व्यवहार से दूर करने का प्रयत्न करें। कौन क्या कर रहा है इस आलोचना में समय बर्बाद न करें, जो अच्छा कर रहा है उससे प्रेरणा लें और जो गलत कर रहा है उसकी उपेक्षा करें, स्वयं का निरीक्षण करें कि हम कितना अच्छा कर रहे हैं और अपनी सामर्थ्य से विशेष करने का प्रयास करें। अपनी अपनी सामर्थ्य से सभी प्रयास करेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी। हम सब मिलकर बहुत काम कर सकते हैं। इस अवसर पर अपनी सामर्थ्य से कुछ धनराशि प्रचार कार्य में अवश्य लगायें।
महर्षि दयानन्द योगपीठ द्वारा आपके सहयोग से निम्नलिखित योजनाओं पर कार्य करना सुनिश्चित किया है आपसे निवेदन है कि अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य से ऋषि मिशन में सहयोगी बनने की कृपा करें –
कार्य योजनायें –
१- भित्ति ( दीवार ) लेखन कराना।
२- स्टीकर, बैनर और हार्डिंग लगाना।
३- पत्रक और पुस्तक वितरण।
४- ऋषि के विचार और चित्र छपे हुए पॉकेट कैलेण्डर, पोस्टर, थैले, टीसर्ट, दुपट्टे, कार्ड, दीवार घड़ी, पैन और डायरी आदि छपवाकर वितरित करें।
५- महापुरुषों के महर्षि के प्रति विचारों और महर्षि के विचारों के साथ महर्षि दयानन्द जी के चित्र आर्य परिवारों, मित्रों-सम्बन्धियों, विद्यालयों-महाविद्यालयों-विश्वविद्यालयों और विशेष स्थानों पर लगाना।
६- आर्य समाज के मन्तव्य को जन जन तक पहुंचाने के लिए विचार गोष्ठियां, प्रतियोगिताएं और कार्यक्रमों का आयोजन करना।
७- महर्षि की जीवनी और विचारों को सोशल मीडिया, प्रिन्ट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, एफ एम और बड़े साइज का एल ई डी लगाकर विशेष तैयार किये गये कार्यक्रम चलाकर प्रचार करना।
८- जो आर्य समाजें गत अनेक वर्षों से प्रचार कार्य नहीं कर रहीं है उन सभी आर्य समाजों और आर्य संस्थाओं के उत्सव कराना।
९- जनपद के सभी गावों और नगरों और नगरों की सभी कालोनियों में योजना बनाकर प्रचार करना।
१०- प्रत्येक आर्य के घर पर ओ३म् का ध्वज लगाना, घर की बैठक में महर्षि दयानन्द सरस्वती जी का चित्र लगाना और प्रतिदिन सत्यार्थ प्रकाश का स्वाध्याय होना चाहिए। अपने सम्बन्धित परिवारों तक भी यह कार्य कराना। अपनी सामर्थ्य से उपरोक्त सामग्री का वितरण करना। कम से कम एक सत्यार्थ प्रकाश अपने किसी निकट सम्बन्धी को भेंट करके पढ़ाना, और अधिक सामर्थ्य है तो अधिक संख्या में सत्यार्थ प्रकाश आदि पुस्तकों का वितरण करना।
👉 हमारा संकल्प है कि अधिक से अधिक नये घरों में जायेंगे और ऐसे घरों में भी सम्पर्क करके कार्यक्रम किया जायेगा जो आर्य समाज में पहले आते थे लेकिन किन्हीं कारणों से अब नहीं आते हैं। इन परिवारों में यज्ञ करके ओ३म् का ध्वज लगायेंगे और ऋषि साहित्य और चित्र भेंट करेंगे।
कृपया ध्यान दें – वेद प्रचार का आगामी कार्यक्रम श्री सुरेश चन्द्र जी परमार के नेतृत्व में 1 जुलाई 2025 दिन मंगलवार को पूर्वाह्न 11:00 बजे से गांव गढ़ी जस्सा में सम्पन्न होगा। आपसे आग्रह है समय से पधारकर कार्यक्रम को सफल बनाने की कृपा करें।
उपरोक्त कार्यों में आप सहयोगी बनना चाहते हैं तो हमें सूचित कीजिए, विस्तृत योजना के साथ हम आपसे सम्पर्क करेंगे। हमारा सम्पर्क सूत्र – 9897060822
निवेदक
आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्री
( वैदिक प्रवक्ता, लेखक और मिशनरी प्रचारक )
संचालक/अध्यक्ष – महर्षि दयानन्द योगपीठ
वरिष्ठ सहसंचालक – आर्य वीर दल उत्तर प्रदेश
वरिष्ठ उपाध्यक्ष – सार्वदेशिक आर्य पुरोहित सभा
Website – https://maharshidayanandyogpeeth.com