
सुख चाहे यदि नर जीवन में जप ले प्रभु-नाम, प्रमाद न कर
सुख चाहे यदि नर जीवन मेंजप ले प्रभु-नाम, प्रमाद न कर है वो ही सुमरने योग्य सखाबस और किसी को याद ना करसुख चाहे यदि नर जीवन मेंजप ले प्रभु-नाम, प्रमाद न कर अस्थिर हैं जग के ठाठ सभीगर बिछुड़़ जाएँ अचरज ही क्याहो शोक मोह के वशीभूतसिर धुन कर पश्चाताप न करसुख चाहे यदि…