प्रतियोगिता प्रबन्धन

प्रतियोगिता प्रबन्धन प्राथमिक वर्ग ( कक्षा ४ और ५ ) मध्यम वर्ग ( कक्षा ६ से ८ ) उच्च वर्ग ( कक्षा ९ से १२ ) सर्वोच्च वर्ग या महाविद्यालय वर्ग ( स्नातक और परास्नातक )

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 मानव निर्माण अभियान ( दिनांक २३ सितम्बर २०२४ दिन सोमवार ) डी० ए० वी० इण्टर कालेज कुण्डौल, आगरा

।। ओ३म् ।।        मानव निर्माण अभियान नमस्ते जी    महर्षि दयानन्द सरस्वती जी महाराज के 200 वें जन्मवर्ष और आर्य समाज की स्थापना के 150 वें वर्ष के पुण्य अवसर पर मानव निर्माण अभियान के अन्तर्गत विद्यार्थियों के जीवन उत्थान के लिए विद्यालयों में कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। दिनांक २३ सितम्बर २०२४ दिन सोमवार आश्विन…

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 मानव निर्माण अभियान ( दिनांक ११ सितम्बर २०२४ दिन बुधवार )

 ।। ओ३म् ।।        मानव निर्माण अभियान नमस्ते जी    महर्षि दयानन्द सरस्वती जी महाराज के 200 वें जन्मवर्ष और आर्य समाज की स्थापना के 150 वें वर्ष के पुण्य अवसर पर मानव निर्माण अभियान के अन्तर्गत विद्यार्थियों के जीवन उत्थान के लिए विद्यालयों में कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं।    आज दिनांक ११ सितम्बर २०२४ दिन बुधवार…

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मानव निर्माण अभियान ( दिनांक १० सितम्बर २०२४ दिन मंगलवार )

।। ओ३म् ।।       मानव_निर्माण_अभियान नमस्ते जी   महर्षि दयानन्द सरस्वती जी महाराज के 200 वें जन्मवर्ष और आर्य समाज की स्थापना के 150 वें वर्ष के पुण्य अवसर पर मानव निर्माण अभियान के अन्तर्गत विद्यार्थियों के जीवन उत्थान के लिए विद्यालयों में कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं।     आदरणीय श्रीमान् नरेन्द्र तनेजा जी ( प्रबन्धक ) के…

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वृहत यज्ञ का अनुष्ठान ( २६ सितम्बर २०२४ से ३० सितम्बर २०२४ तक ) आगरा

।। ओ३म् ।।कृण्वन्तो विश्वमार्यम् यजुर्वेद पारायण यज्ञ आश्विन कृष्णपक्ष नवमी गुरुवार २०८१ से आश्विन कृष्णपक्ष‌ त्रियोदशी सोमवार २०८१ तक( २६ सितम्बर २०२४ से ३० सितम्बर २०२४ तक ) कार्यक्रमदिनांक 26 दितम्बर 2024 से 30 सितम्बर 2024 तकप्रतिदिन प्रातःकाल 7:30 बजे से 11:00 बजे तक और सायं काल 4:00 बजे से 7:30 बजे तकस्थान – आर्य…

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वैदिक सन्ध्या उपासना 

वैदिक सन्ध्या उपासना  ( महर्षि दयानन्द सरस्वती जी महाराज द्वारा निर्देशित आर्यों की दिनचर्या ) ‘सन्ध्यायन्ति सन्ध्यायते वा परब्रह्म यस्यां सा सन्ध्या ‘ भली भांति ध्यान करते हैं वा जिसमें परमेश्वर का ध्यान किया जाये वह सन्ध्या है। सो रात और दिन के संयोग समय दोनों सन्ध्याओं में सब मनुष्यों को परमेश्वर की स्तुति, प्रार्थना…

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यज्ञशाला एवं यज्ञकुण्ड

यज्ञ शाला              इसी को ‘यज्ञमण्डप’ भी कहते हैं। यह अधिक से आधिक सोलह हाथ सम चौरस चौकोण, न्यून से न्यून आठ हाथ की हो। यदि भूमि अशुद्ध हो तो यज्ञशाला की पृथिवी, और जितनी गहरी वेदी बनानी हो, उतनी पृथिवी दो दो हाथ खोद अशुद्ध मिट्टी निकालकर उस में…

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दैनिक‌ सायंकालीन यज्ञ ( अग्निहोत्र ) विधि

( महर्षि दयानन्द सरस्वती जी महाराज द्वारा निर्देशित आर्यों की दिनचर्या ) आचमन ओम् अमृतोपस्तरणमसि स्वाहा॥1॥ इस से एक। ओम् अमृतापिधानमसि स्वाहा॥2॥ इस से दूसरा। ओं सत्यं यशः श्रीर्मयि श्रीः श्रयतां स्वाहा॥3॥ अङ्गस्पर्श इस से तीसरा आचमन करके, तत्पश्चात् नीचे लिखे मन्त्रों से जल करके अंगों का स्पर्श करें— ओं वाङ्म आस्येऽस्तु॥1॥ इस मन्त्र से मुख।…

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